माँ की ममता के सामने हारा तेन्दुआ

प्रभात उजाला नेटवर्क………….

तेंदुए के जबड़े से मासूम को मां ने छुड़ाया हमले में मासूम गंभीर रूप से घायल

बिछिया, बहराइच। कहते है एक बच्चें के लिए माँ की ममता उसकी रक्षा कवच होती है यह कहावत उस समय चरितार्थ हुई जब एक मनुष्य के बच्चे को माँ की ममता ने चंडी रूप धारण कर तेंदूए जैसे हिंसक और जानलेवा पशु के मुह से जिंदा निकाल लिया

कतर्नियाघाट क्षेत्र में रह रहे ग्रामीणों की जिंदगी जंगली जानवरों के हमले के चलते नरक हो चली है। आए दिन कोई ना कोई हमला ग्रामीणों पर होता रहता है। बीती रात्रि घर में बैठे एक मासूम पर तेंदुए ने जानलेवा हमला कर दिया। मां ने किसी तरह तेंदुए से भिड़करकर उसकी जान बचाई। मंगलवार देर रात गांव के लोग खाना खाकर सोने की तैयारी कर रहे थे। तभी जंगल से निकाल कर आया एक तेंदुआ गांव निवासी बुधाई के घर में घुस गया। घर में चारपाई पर बैठे खेल रहे बुधाई के चार वर्षीय पुत्र अयान पर हमला कर तेंदुआ उसे घसीट कर ले जाने लगा। बच्चे की चीख पुकार सुनकर मां दौड़ी तो सामने तेंदुआ को देखकर सहम गई।

चीख पुकार सुनकर परिवार के अन्य लोग दौड़े, गांव के लोगों ने भी तेंदुए की आहट पाकर हाका लगाना शुरू किया। शोर होने के चलते तेंदुआ बच्चे को छोड़कर जंगल की ओर चला गया। लेकिन हमले में अयान गंभीर रूप से घायल हुआ है। उसके चेहरे और सिर पर गहरे घाव है। घायल बालक को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिहीपुरवा में भर्ती कराया गया। जहां हालत गंभीर देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कालेज बहराइच रेफर कर दिया। ग्रामीणों ने घटना की जानकारी वनकर्मियों को दी। ग्रामीणों ने तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की मांग की है। वन दरोगा अनिल कुमार ने गांव का दौरा कर ग्रामीणों से मुलाकात की और सहायता का आश्वासन दिया।

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