प्रयागराज में स्थित संगम की रेती पर बसेगा नया शहर गंगा पर बनेंगे पांटून पुल।

प्रभात उजाला नेटवर्क…….

( Editor : Amit Shukla……)

प्रयागराज। महाकुंभ के रिहर्सल के रूप में होने वाले माघ मेला-2024 की योजना तैयार कर ली गई है। इस बार संगम की रेती पर 770 हेक्टेयर में तंबुओं की नगरी बसाई जाएगी। पांच सेक्टरों में विभाजित होने वाले इस मेला क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए पहली बार गंगा पर छह पांटून पुल बनाए जाएंगे। इस बार माघ मेला 54 दिन तक चलेगा।

माघ मेला 15 जनवरी से आठ मार्च तक चलेगा। लगभग 54 दोनों तक चलने वाले इस मेले को पांच सेक्टर में विभाजित किया जाएगा। इस वर्ष सेक्टर एक-ए अरैल में बसेगा। इसके अलावा सेक्टर पांच-ए नागवासुकि के पास भी बसाया जाएगा। मेला क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए छह पांटून पुल बनाए जाएंगे। लगभग 110 किलोमीटर लंबी चकर्ड प्लेट्स सड़कें बनाई जाएंगी।

मेला प्राधिकरण के आईट्रिपल सी सभागार में मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत के साथ कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने माघ मेले की तैयारियों की देर शाम समीक्षा की। बताया गया कि माघ मेले में कई नए प्रयोग किए जाएंगे। मेला क्षेत्र में 165 सोलर हाइब्रिड एलईडी स्ट्रीट लाइट, 10 वाटर एटीएम लगेंगे।

स्टैंड पोस्ट के प्लेटफॉर्म डिजाइन में परिवर्तन होगा। काली और त्रिवेणी पांटून पुलों के दोनों तरफ डीलीनिएटर्स लगाए जाएंगे, जो रात में लोगों को गाइड करेंगे। श्रद्धालुओं के लिए संकेतसूचक के रूप में पहली बार मैं यहां हूं… का साइन बोर्ड भी लगेगा। जगह-जगह थीमबेस द्वार होंगे। शौचालयों में ओडर फ्री सॉल्यूशन का प्रयोग होगा और नई डिजाइन वाले चेंजिंग रूम लगाए जाएंगे। इस मौके पर प्रभारी मेलाधिकारी दयानंद प्रसाद के अलावा कई विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने माघ मेले के कार्य समय रहते पूरे कराने के निर्देश दिए। गंगा पर अस्थायी पांटून पुलों के अलावा चकर्ड प्लेट मार्गों का निर्माण टाइमलाइन बनाकर पूर्ण कराने को कहा। मंडलायुक्त ने माघ मेले में शौचालयों की क्वालिटी बेहतर करने पर जोर दिया। कुंभ मेलाधिकारी का कहना था कि मेले से संबंधित कार्यों में सर्विस लेवल बेंच मार्किंग सुनिश्चित की जानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि इस बार अभी तक माघ मेले की तैयारियां सतह पर नहीं आ सकी हैं। गंगा में कटान की वजह से कई जगह टीले बनने से बसावट के लिए जहां भूमि का संकट होगा, वहीं पांटून पुलों के निर्माण में भी दिक्कत आने की आशंका है।

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