प्रभात उजाला नेटवर्क………………
गौ संसद को मिलेगा शंकराचार्यों का दिव्य समर्थन
प्रयागराज । गौ माता भारतीय संस्कृति की आत्मा है महाभारत ग्रन्थ के अनुसार सृष्टि की रचना के इच्छुक परम् पिता ब्रह्मा जी ने सबसे पहले गौ माता का निर्माण किया था ताकि उनकी सृष्टि का उचित ढंग से पालन पोषण हो सके , पालन पोषण के अपने इसी गुण से गाय को माता कहा गया है । इन्हें वेदों और पुराणों में अधन्या , अवध्या कहा गया परन्तु दुर्भाग्य बस इस समय विश्व में सबका पालन पोषण करने वाली गौ माता को काटने और खाने का प्रचलन हो गया है जो कि भारतीय कृतज्ञ संस्कृति पर बहुत बड़ा कलंक है । उक्त बातें परमाध्य ज्योतिषपीठाधीश्वर के शंकराचार्य स्वामी अवि मुक्तेश्वरानन्द जी महाराज द्वारा प्रयागराज स्थित माघ मेला के शिविर में स्थानीय पत्रकारो को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कही । उन्होंने कहा कि पूर्व काल में राजा परीक्षित के सामने कलयुग ने डण्डे से गौ माता को मारना चाहा था तब वह उसे मृत्युदण्ड दे रहे थे और आज इस देश पर शासन करने वाले राजा गाय को काटते और उनकी करुण पुकार करते हुए देखकर भी कैसे चुप रह सकते हैं यह एक बहुत ही विचारणीय प्रश्न है । उन्होंने गौ माता की इसी करुण पुकार को सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने की और गौ व्यथा को दूर कर उन्हें अभय दान दिलाने और उनको राष्ट्रमाता की प्रतिष्ठा प्रदान करने के लिए राष्ट्रव्यापी गौ प्रतिष्ठा आन्दोलन प्रारम्भ किया है जिसको देश के चारों पीठ के वर्तमान पूज्य शंकराचार्य सहित देश के समस्त धर्माचार्य का समर्थन और आशीर्वाद प्राप्त है । उन्होंने कहा कि इस स्वतः स्फूर्त गौ राष्ट्र माता प्रतिष्ठा आन्दोलन को देश के सभी गौ भक्त सन्तो के द्वारा संचालित किया जा रहा है जिसके क्रम में माघ महापर्व महोत्सव के इस पावन अवसर पर प्रयागराज की इस धरती पर निम्नलिखित कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिसमें परमाध्यक्ष परम आराध्य श्रीशंकराचार्य जी महाराज द्वारा इस पर्व को गौ माता के लिए समर्पित किया गया है और आगामी आने वाले नव सवंत्सर को भी गौ संवत्सर के रूप में घोषित किया जा रहा है ।
उन्होंने बताया कि आगामी 2 फरवरी को गौ मंगल प्रवेश के अवसर पर परमाध्य ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द जी के प्रयागराज माघ मेला क्षेत्र में प्रवेश पर गौ माता का रथ आगे होगा । जिसका अनुकरण करते शंकराचार्य जी मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे । 3 फरवरी को गौमाता एवं गंगा माता का पूजन होगा । 4 फरवरी को मेला क्षेत्र की परिक्रमा होगी और गौमाता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए जनजागरण अभियान चलाया जाएगा । 5 फरवरी को गौशाला संचालक सम्मेलन और गौ उत्पाद प्रदर्शनी । 6 फरवरी को गौ संसद का भव्य आयोजन किया जाएगा जिसमें दो पीठों के वर्तमान शंकराचार्य जी प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित रहेंगे इसी गौ संसद में देश के प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में एक गौ संसद आयोजित किए जाने पर विचार करते हुए निर्णय लिया जाएगा साथ ही गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने एवं सम्मान दिलाने के लिए दो सत्रों में विस्तृत चर्चा के उपरान्त धर्मादेश जारी किया जाएगा । 7 फरवरी को प्रयागराज माघ मेला क्षेत्र में मेला बन्दी कर 5 मिनट के लिए सभी भक्तगण अपने-अपने शिविरों से निकलकर राष्ट्रमाता गौ माता जय हो का उदघोष करेंगे । 8 फरवरी को माघ महात्म पर शंकराचार्य जी महाराज एवं अन्य साधु सन्तो का प्रवचन सुनने का सौभाग्य प्राप्त होगा तथा 9 फरवरी को मौनी अमावस्या के महापर्व पर माँ गंगा में स्नान के साथ कार्यक्रम का समापन होगा ।
इस अवसर पर शिविर प्रभारी महन्त सहजानन्द बम्हचारी ,
महन्त भगवान वेदान्ताचार्य रसिक जी महराज ,
स्वामी श्रीब्रम्ह विद्यानन्द जी महराज , श्री जगदीशानन्द बाबा , गोबर गोपाल जी , शैलेन्द्र योगीराज जी सहित बड़ी संख्या में पत्रकारगण और शंकराचार्य जी महाराज के शिष्य उपस्थित रहे ।